युवा इंजीनियरिंग में बनाएं करियर।
गर्मियों की छुट्टियां जल्द ही खत्म होने जा रही हैं। एडमीशन की होड़ शुरू हो चुकी है। ऐसे में स्टूडेंट्स के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि 12वीं कक्षा के बाद क्या करें, कौन सा फील्ड चुनें। दरअसल बदलते जमाने के साथ स्कूल से निकल रहे स्टूडेंट्स के लिए करियर के हजारों ऑप्शन्स खुल गए हैं लेकिन फिर भी अगर ज्यादातर युवाओं से उनकी राय पूछी जाए तो उनका जवाब होगा इंजीनियरिंग। शायद इसलिए क्योंकि इंजीनियरिंग का सीधा ताल्लुक टेक्निक से होता है। आज जिस तेजी से तकनीक का विकास हो रहा है, युवाओं को ये फील्ड उतना ही लुभा रहा है क्योंकि इस फील्ड में अच्छी हैसियत, बढ़िया वेतन और काम की संतुष्टि होती है। जो युवा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें एक बार मथुरा में संचालित संस्कृति यूनिवर्सिटी में प्रवेश के प्रयास जरूर करने चाहिए क्योंकि इस यूनिवर्सिटी में बदलते परिवेश को ध्यान में रखते हुए टेक्निकल एज्यूकेशन के लगभग सभी पाठ्यक्रम संचालित हैं।
इंजीनियर में करियर का सपना देखने वाले युवाओं के जरूरी है कि उनकी विज्ञान और गणित में पकड़ मजबूत हो। इंजीनियरिंग की किसी भी ब्रांच में इन दोनों विषयों की जानकारी बेहद जरूरी है। इसी फील्ड में कुछ नया करने की तलाश में आप इंजीनियरिंग की नई स्ट्रीम्स में भी अपना करियर बना सकते हैं। सिविल, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक जैसी ट्रेडिशनल फील्ड के अलावा अब स्पेस टेक्नोलॉजी, फूड टेक्नोलॉजी, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, न्यूक्लियर फिजिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, टेलीकॉम टेक्नोलॉजी जैसी नई फील्ड भी आपके लिए खुली हैं। ये वो करियर हैं जिनकी डिमांड आने वाले समय में निश्चित तौर पर बढ़ेगी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उत्तर भारत में संस्कृति यूनिवर्सिटी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। आज के समय में शायद ही ऐसा कोई विद्यार्थी हो जिसे इंजीनियर के बारे में नहीं पता हो। 10वीं कक्षा के बाद भी छात्र इंजीनियरिंग क्षेत्र में जा सकते हैं और इसके लिए अलग अलग विभाग भी हैं जिसमें हम अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पूरा कर सकते हैं।
इंजीनियर का अर्थ या इंजीनियर की परिभाषा की बात करें तो एक ऐसा व्यक्ति जो किसी वस्तु का आविष्कार करे, उसका डिजाइन बनाए या मशीन टेस्ट करे, अलग-अलग प्रयोग करके कुछ नया बनाए उसे हम इंजीनियर कह सकते हैं। किसी भी विद्यार्थी को इंजीनियर बनने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी पड़ती है जिसके लिए उसे कम से कम तीन साल का डिप्लोमा या डिग्री करना अनिवार्य है, इनमें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इत्यादि शामिल हैं। जो युवा जिस क्षेत्र में रुचि रखता है उसे उसी क्षेत्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी चाहिए। आज के समय में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कम्प्यूटर के क्षेत्र में इंजीनियरिंग की जाती है। इन तीनों ही शाखाओं से इंजीनियरिंग करने के बाद अच्छी जॉब मिलने की सम्भावना बहुत ज्यादा है। वैसे दूसरी शाखाएं भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इंजीनियर बनने के लिए हमें पहले पढ़ाई करनी होती है, फिर उसी से संबंधित अभ्यास करना पड़ता है और उसी क्षेत्र में कार्य करना पड़ता है तब जाकर हम इंजीनियर बन पाते हैं।
अपनी रुचि को प्राथमिकता दें- इंजीनियर बनने के लिए या इंजीनियरिंग करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी रुचि का ख्याल रखना चाहिए। अगर आपकी कम्प्यूटर में ज्यादा रुचि है और कम्प्यूटर के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं और उसके बारे में सीखना चाहते हैं तो आपको कम्प्यूटर शाखा से इंजीनियरिंग करनी पड़ेगी। इसी तरह सबसे पहले आपको देखना है कि आप किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं। जैसे ही आपको अपनी रुचि के बारे में पता हो जाता है, वैसे ही आप डिप्लोमा या डिग्री उस क्षेत्र से कर सकते हैं। आप 10वीं कक्षा के बाद पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा कर सकते हैं और डिप्लोमा के बाद आप बीटेक करके इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं लेकिन इन सभी में आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि अगर आप डिप्लोमा कम्प्यूटर शाखा से करेंगे तो आपको डिग्री भी कम्प्यूटर शाखा से करनी होगी। इंजीनियरिंग लाइन में करियर बनाने के बहुत सारे विकल्प होते हैं क्योंकि इंजीनियरिंग लाइन में बहुत सारी शाखाएं होती हैं। जितनी शाखाएं होंगी उसी के हिसाब से नौकरी के भी विकल्प बहुत ज्यादा होंगे। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वेतन उसकी नौकरी पर निर्भर करता है। जैसे कि अगर कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहा है तो उसकी सालाना आय लगभग सात लाख के करीब होगी। इसी तरह अगर कोई मैकेनिकल क्षेत्र में नौकरी कर रहा है तो उसकी सालाना आय तीन से चार लाख के करीब होगी।