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युवा यूनानी चिकित्सा क्षेत्र में बनाएं शानदार करियर। ब्रज मण्डल में संस्कृति यूनिवर्सिटी से करें बीयूएमएस

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What is BUMS course?

आज के बदलते समय में हर चिकित्सा पद्धति का अपना अलग महत्व है। कहने को एलोपैथिक चिकित्सा से लोग जल्दी स्वस्थ होना चाहते हैं, बावजूद इसके प्राचीन यूनानी चिकित्सा पद्धति को नकारा नहीं जा सकता। यूनानी चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता के चलते यूनानी चिकित्सकों की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। यूनानी चिकित्सा पद्धति की जहां तक बात है, यह विश्व की सबसे पुरानी उपचार पद्धतियों में से एक है। इस उपचार पद्धति के जनक ग्रीस के महान फिलासफर व फिजीशियन हिपोक्रेट्स थे। भारत की जहां तक बात है यह चिकित्सा पद्धति यहां अरब देशों से आई और जल्द ही लोगों की पसंद बन गई। यूनानी चिकित्सा पद्धति को भारत में लोकप्रिय बनाने का श्रेय हकीम अजमल खान को जाता है। यूनानी चिकित्सक बनने के लिए छात्र-छात्राओं का फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलाजी से 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का सपना देख रहे छात्र-छात्राएं मथुरा में संचालित संस्कृति यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीयूएमएस) की तालीम हासिल कर सकते हैं।

बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी साढ़े पांच साल का एक स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम है। बीयूएमएस डिग्री में यूनानी चिकित्सा प्रणाली की सम्पूर्ण जानकारी समाहित होती है। यूनानी मेडिकल क्षेत्र में चिकित्सक बनने के लिए बीयूएमएस की डिग्री काफी है। यूनानी चिकित्सा पद्धति की जहां तक बात है इसके उपचार से मरीज की परेशानी न केवल जड़ से समाप्त हो जाती है बल्कि इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते। अवधारणा यह है कि इससे शरीर चिकित्सा शक्ति की वजह से खुद को फिर से जीवंत बनाता है। एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक प्रणाली के बाद भारत में यूनानी चौथी सबसे लोकप्रिय दवा प्रणाली है। भारतीय युवा पीढ़ी इन दिनों भारतीय चिकित्सा पद्धति के महत्व को स्वीकारते हुए यूनानी चिकित्सा अध्ययन में रुचि ले रही है। इसकी मुख्य वजह इस क्षेत्र में असीमित रोजगार की सम्भावनाओं का होना है। ब्रज मण्डल के युवाओं के लिए यह खुशखबरी की बात है कि वे मथुरा में संचालित संस्कृति यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीयूएमएस) की तालीम हासिल कर अपने सपनों को पंख लगा सकते हैं।

BUMS Course Eligibilty & BUMS Course Duration

बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी की तालीम हासिल करने के लिए छात्र-छात्राओं का फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलाजी से 50 फीसदी अंकों के साथ 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। उर्दू भाषा में प्रवीणता रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए तो बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी की तालीम सोने पे सुहागा है। देश में सिर्फ गिने-चुने मेडिकल कॉलेज ही हैं जो यूनानी चिकित्सा प्रणाली में शैक्षिक पाठ्यक्रम चलाते हैं, इन्हीं में से संस्कृति यूनिवर्सिटी भी एक है।

भारत ही नहीं विदेशों में भी करियर Career In BUMS

बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एण्ड सर्जरी (बीयूएमएस) की तालीम हासिल करने के बाद युवाओं के पास न केवल भारत में जाब के अवसर होते हैं बल्कि इस विधा में निपुण युवा पीढ़ी विदेशों में भी अपना करियर संवार सकती है। देखा जाए तो कई संगठन और अनुसंधान संस्थान विदेशों में भी विनिर्माण और शोध के क्षेत्र में काम कर रहे हैं लिहाजा भारतीय यूनानी चिकित्सकों की वहां हमेशा मांग रहती है। बीयूएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद युवा नौकरी की बजाय निजी प्रैक्टिस को भी वरीयता दे सकते हैं। बीयूएमएस डिग्री आपको यूनानी व्यवसायी, एक चिकित्सकीय प्रतिनिधि, निजी या सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में करियर का सुनहरा अवसर देती है। इस क्षेत्र के पेशेवर यूनानी दवा निर्माता कम्पनियों में भी काम करने को स्वतंत्र हैं। बीयूएमएस डिग्री पूरा होने के बाद यूनानी कॉलेजों में प्रोफेसर या शोधकर्ता के रूप में भी नौकरी कर सकते हैं।

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