बीएचएमएस करें, सफलता की उड़ान भरे। होम्योपैथी के क्षेत्र में करियर।
आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी और खान-पान की दिक्कतों के चलते लोग अनचाही बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। बीमारी से परेशान लोगों को अक्सर डाक्टर की याद आती है। बीएचएमएस यानि होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जिसके प्रभावी इलाज के बाद स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता। स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता बढ़ने से आज होम्योपैथी के प्रति लोगों के रुझान में लगातार इजाफा हो रहा है। होम्योपैथी चिकित्सा न केवल किफायती है बल्कि इसकी लोकप्रियता का प्रमुख कारण समस्या का जड़ से निदान होना है। पहले होम्योपैथी को गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कम उपयुक्त माना जाता था लेकिन आज अनेक दुरूह बीमारियों के निदान में भी होम्योपैथी चिकित्सा रामबाण का काम कर रही है। आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होम्योपैथी चिकित्सा की लोकप्रियता को चार चांद लग रहे हैं। विदेशों में होम्योपैथी चिकित्सा को मिल रही लोकप्रियता ने भारतीय होम्योपैथी चिकित्सकों के महत्व को बढ़ा दिया है नतीजन यहां के चिकित्सक आज विदेशों में जाकर अच्छा वेतन व अन्य सुविधाएं हासिल कर रहे हैं।
कैसे करें बीएचएमएस
होम्योपैथी में आपकी शुरुआत बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एण्ड सर्जरी यानी बीएचएमएस से होगी। यह कोर्स बारहवीं के बाद किया जा सकता है। बीएचएमएस की पढ़ाई वही छात्र-छात्राएं कर सकते हैं जिन्होंने फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी व अंग्रेजी विषय से 10+2 की परीक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो। बीएचएमएस की शिक्षा पांच वर्ष छह महीने में (इंटर्नशिप सहित) पूरी होती है। डिग्री कोर्स के अलावा चार साल का डिप्लोमा कोर्स (डीएचएमएस) भी किया जा सकता है। होम्योपैथी में बीएचएमएस के बाद तीन वर्ष का कोर्स करके आप मास्टर्स लेवल की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रवेश प्रक्रिया
बीएचएमएस कोर्स में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस टेस्ट एग्जामिनेशन होता है। यदि आपने फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी व अंग्रेजी विषय से 10+2 की परीक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो तो यह परीक्षा दे सकते हैं। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में होम्योपैथी कोर्स में प्रवेश देने के लिए कॉलेज की ओर से ही एंट्रेंस एग्जामिनेशन का आयोजन किया जाता है और इसमें सफल छात्र-छात्राओं का इंटरव्यू लेने के बाद प्रवेश दिया जाता है। बीएचएमएस कोर्स करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स और मैनेजमेंट कोर्स इन होम्योपैथी की जा सकती है।
नौकरी के अवसर
बीएचएमएस कोर्स करने के बाद छात्र-छात्राओं के लिए करियर के कई विकल्प खुल जाते हैं। आप होम्योपैथी चिकित्सा में निपुणता हासिल कर केन्द्र और राज्य सरकारों के हॉस्पिटल्स, प्राइवेट हॉस्पिटल्स और चैरिटेबल क्लीनिक्स में होम्योपैथी डॉक्टर्स के तौर अपना करियर संवार सकते हैं। इतना ही नहीं इस कोर्स के बाद सम्बन्धित कॉलेज या इंस्टीट्यूट्स में लेक्चरर भी बना जा सकता है। आप स्वयं की प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। बदलते समय में हर राज्य में प्रशिक्षित होम्योपैथी डॉक्टर्स की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। देर किस बात की आप भी संस्कृति यूनिवर्सिटी से बीएचएमएस कोर्स कर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।