युवा पीढ़ी को शिक्षा ही नहीं संस्कार प्रदान करना है प्रमुखता
संस्कृति विश्वविद्यालय की परिकल्पना और उद्देश्य
किसी भी समाज और देश के विकास के लिए उसकी युवी पीढ़ी का स्वावलम्बी होना नितांत आवश्यक है। भारत युवाओं का देश है, यहां की युवा शक्ति पर दुनिया की नजर है। युवा शक्ति हर युग और हर समाज में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। किसी भी देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी युवा शक्ति पर ही निर्भर करता है। यह 21वीं सदी है, जहां हर समय कुछ न कुछ नया सीखना ही सफलता का मानदण्ड है। भारत युवाओं का देश होने के बावजूद बेरोजगारी यहां की सबसे बड़ी समस्या है। यंगस्टर्स की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने अपनी परिकल्पना और उद्देश्य न केवल तय किए हैं बल्कि वैश्विक व्यवसाय के मानकों को अपने पाठ्यक्रम में संजीदगी से समाहित किया है। यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं टेक्निकल एज्यूकेशन के मूल तत्वों का अध्ययन-मनन कर न केवल इंडस्ट्रियल रिक्वायरमेंट को पूरा करते हैं बल्कि नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वरोजगार को प्राथमिकता देते हैं।
शांत वातावरण, सर्वसुविधायुक्त सेमिनार हाल, सुयोग्य प्राध्यापक, आधुनिक लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, एम.एस.एम.ई. का सेण्टर आफ एक्सीलेंस, स्कूल आफ लाइफ स्किल, मनमोहक क्रीड़ांगन और प्लेसमेंट विभाग संस्कृति यूनिवर्सिटी की ऐसी खूबियां हैं जोकि हर युवा मन को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। बदलते परिवेश में जहां हर युवा को रोजगारमूलक शिक्षा प्रदान करना चुनौती माना जा रहा है वहीं संस्कृति यूनिवर्सिटी कौशलपरक शिक्षा के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को स्वावलम्बी बना रही है। टेक्निकल एज्यूकेशन संस्कृति यूनिवर्सिटी का सबसे मजबूत पक्ष है। यहां खुले सेण्टर आफ एक्सीलेंस की लैबों में संचालित लेटेस्ट टेक्निकल मशीनें यंगस्टर्स के टैलेण्ट को विश्व प्रतिस्पर्धी बनाती हैं।
इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स और मैन्यूफैक्चरिंग एण्ड आटोमेशन (एम.टैक) की शिक्षा ब्रज मण्डल में सिर्फ संस्कृति यूनिवर्सिटी में ही उपलब्ध है। रोबोटिक्स इंजीनियरिंग एज्यूकेशन में दक्षता हासिल कर यंगस्टर्स नासा, प्राइवेट इंडस्ट्रीज, ऑटोमोबाइल्स सेक्टर, इंडस्ट्रियल टूल्स, रोबोटिक टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर कंट्रोल्ड मशीन प्रोग्रामिंग, रोबोटिक सेल्स में अच्छे पैकेज पर जॉब हासिल कर रहे हैं। आज की इंडस्ट्रियल डिमांड को देखते हुए संस्कृति यूनिवर्सिटी यंगस्टर्स को आटोकैड, प्रो-ई, एन्सिस और मैन्यूफैक्चरिंग में सीएनसी की ट्रेनिंग भी प्रदान कर रही है।
संस्कृति यूनिवर्सिटी में टेक्निकल एज्यूकेशन ही नहीं हर ऐसा पाठ्यक्रम संचालित है जोकि युवा पीढ़ी को शिक्षा पूरी करने से पहले ही इस योग्य बना देता है कि वह कहीं भी किसी से भी प्रतिस्पर्धा कर सके। संस्कृति यूनिवर्सिटी तकनीकी शिक्षा ही नहीं भारतीय चिकित्सा पद्धति को भी नया आयाम प्रदान करने को संकल्पित है। यहां आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा की तरफ भी प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है। सच कहें तो संस्कृति यूनिवर्सिटी में शिक्षा ही नहीं संस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
एक तरफ जहां उच्चतर शिक्षण संस्थान व्यावसायिक बन चुके हैं वहीं संस्कृति यूनिवर्सिटी वसुधैव कुटुम्बकम की मिसाल है। विश्वविद्यालय में न केवल सुयोग्य और अनुभवी शिक्षक अध्यापन करते हैं बल्कि छात्र-छात्राओं को समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा गेस्ट लेक्चर, शैक्षिक भ्रमण तथा सेमिनारों का भी लाभ मिलता रहता है। यहां विद्यार्थियों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, वाई-फाई सुविधा चौबीसों घण्टे उपलब्ध है। सर्वसुविधायुक्त जिम, आधुनिक खेल मैदान, समस्त विभागों और संकायों में जीवन जीने की कला पाठ्यक्रम, शांत वातावरण छात्र-छात्राओं में नई ऊर्जा का संचार करता है। हम कह सकते हैं कि संस्कृति विश्वविद्यालय एक शिक्षण संस्थान ही नहीं बल्कि दुनिया के बदलते परिदृश्य का आईना है।